हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या कृषि करके करके अपना जीवन व्यापन करती हैं। सरकार द्वारा इन किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जाता हैं जिनके माध्यम से किसानों को कृषि हेतु बीज ख़रीदने पर सब्सिडी प्रदान की जाती हैं। आज इस लेख के माध्यम से आपको Seed Subsidy Yojana की जानकारी देने जा रहे हैं जिससे आप कम क़ीमत पर उन्नत बीज ख़रीद सके।
बीज सब्सिडी योजना
किसानों को बीज की ख़रीद पर सब्सिडी देने के लिए देश के कई राज्यों में योजनाओं संचालन किया जा रहा हैं। इस क्रम में राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का आयोजन किया गया हैं। इससे किसानों को बीज की ख़रीद पर 50% अनुदान सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जा रहा हैं।
इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को कम दाम पर अच्छी क़िस्म का बीज उपलब्ध करवाना हैं। इनमें से कुछ योजनाओं में न सिर्फ़ बीज बल्कि अन्य कृषि उपकरण जैसे ट्रेक्टर, हल, ट्रॉली, रोटोवेटर, कल्टीवेटर आदि की ख़रीद पर सरकार 50 से 60% तक सब्सिडी उपलब्ध करवाती हैं।
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना की रूपरेखा
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में उन्नत बीज पैदावार के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना की शुरुआत की गई। इस योजना को पहले पायलट योजना के रूप में उदयपुर, कोटा तथा भीलवाड़ा कृषि ब्लॉक में ही क्रियान्वित किया गया था लेकिन योजना के अच्छे परिणाम को देखते हुए राज्य सरकार ने 2018-19 में योजना का विस्तार संपूर्ण राज्य में किया।
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मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का उद्देश्य
- किसानों को 50% कम मूल्य पर उच्च क़िस्म के बीज उपलब्ध करवाना
- कम लागत में अधिक कृषि पैदावार करना
- आर्गेनिक कृषि को बढ़ावा दें
- किसानों की आय में वृद्धि करना
- किसानों को आधे से भी कम दाम पर कृषि उपकरण मुँहोय करवाना जिससे सीमांत किसानों की स्थिति में सुधार हो
- किसानों को उच्च क़िस्म के बीज की पैदावार करने के लिए प्रोत्साहित करना
योजना का लाभ कैसे लें
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का लाभ लेने हेतु इसमें ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक को अपने ज़िले के कृषि विभाग मंत्रालय में जाना होगा। आप अपने नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से भी योजना में आवेदन कर सकते हैं। कार्यालय जाने के बाद वहाँ से मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करें।
आवेदन पत्र को भरें तथा इसके साथ माँगे गये दस्तावेज़ो की फोटो कॉपी संलग्न करें। दस्तावेज़ो में आवेदक किसान का आधार कार्ड तथा उसकी बैंक की खाता पासबुक माँगी जाती हैं। इसके बाद कृषि मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी संस्था से बीज की ख़रीद पर सरकार द्वारा 50% अनुदान राशि किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
योजना का क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत बीज सब्सिडी के अलावा किसान को बीज उत्पादन पर भी लाभ दिया जाता हैं। इसमें उन्नत क़िस्म के बीजों की पैदावार करने के लिए किसानों को मुफ़्त में बीज उपलब्ध करवायें जाते हैं। इसके अंतर्गत किसानी का समूह बनाया जाता हैं जिसमें कुछ किसान बीजों की पैदावार करते हैं तथा अन्य किसान उन बीजों को ख़रीदकर कृषि कार्य करते हैं। योजना की आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसका क्रियान्वयन निम्न प्रकार से किया जाता हैं।
फसल का चयन:- इसमें सबसे पहले मौसम के अनुसार रबी तथा ख़रीफ़ की फसलों का चयन किया जाता हैं। इनके अनुसार किसान को बीज उत्पादन का कार्य दिया जाता हैं। योजना के अंतर्गत 10 साल तक ख़राब ना होने वाले बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती हैं।
कृषक समूह का गठन:- फसल चयन के बाद किसी क्षेत्र के 30 से 40 किसानों के एक समूह का गठन किया जाता हैं। इन किसानों के पास कम से कम 50 हेक्टेयर ज़मीन होना आवश्यक हैं।
बीज उत्पादक सदस्यों का चयन:- किसानों के समूह में से 2 से 4 किसानों का चयन बीज उत्पादकों के रूप में किया जाता हैं। इन किसानों का चयन समूह के सामूहिक निर्णय द्वारा होता हैं।
निःशुल्क बीज वितरण:- बीज उत्पादकों के चयन के बाद इन किसानों को योजना के नियमानुसार निःशुल्क बीज उपलब्ध करवायें जाते हैं। किसान अपने नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से मुफ़्त बीज प्राप्त कर सकते हैं।
प्रशिक्षण व रोगिंग:- योजना में किसानों को बीज उत्पादन हेतु प्रशिक्षण भी दिया जाता हैं तथा रोगिंग का उचित तरीक़ा भी सिखाया जाता हैं। रोगिंग का मतलब फसल में से अनावश्यक उगी हुई खरपतवार को हटाना होता हैं जिसे आम भाषा में निनान या निनाण करना कहते हैं। हिन्दी में इसे निराई-गुड़ाई करना कहते हैं।